सरकार का बड़ा फैसला: चीन को लौटाए जाएंगे खराब जांच किट

सरकार का बड़ा फैसला: चीन को लौटाए जाएंगे खराब जांच किट

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस की निगरानी के लिए रैपिड एंटी टेस्ट बॉडी किट जमीनी जांच में भी सही नहीं मिली हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने साफ कहा, चीन समेत जिस देश से सप्लाई आई है।, पूरी खेप वापस भेजी जाएगी।

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डॉ. हर्षवर्धन ने कहा अभी तक चीन की कंपनियों को इनका भुगतान नहीं किया गया है। गुणवत्ता को लेकर कंपनियों से जवाब भी मांगा जाएगा। राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, जो भी किट खराब हैं या गुणवत्ता पर शंका है, उन्हें तत्काल वापस भेज दें।

राज्यों शिकायत मिलने के बाद भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने रैपिड टेस्ट से जांच पर अस्थायी रोक लगाते हुए देश के आठ शीर्ष चिकित्सीय संस्थानों द्वारा फील्ड जांच कराने का फैसला किया था। जांच में पता चला कि चीनी किट के परिणामों में भारी अंतर है।

यूरोप ने जिन किट को किया वापस उन्हें चीन ने भेजा भारत:

देश में जिन चीनी कंपनियों की जांच किट पर सवाल उठे हैं, उन पर यूरोप पहले ही प्रतिबंध लगा चुका है। परिणाम भरोसेमंद न मिलने पर यूरोपीय देशों ने 20 लाख किट चीन को वापस भेज दी थीं। आरोप है, चीन ने महीने भर बाद करोड़ों की यही किट भारत को भेज दीं। यही नहीं मार्च में चीन की कंपनियों ब्रिटेन को 20 लाख किट की आपूर्ति की थी। इनके शुरूआती बैच में गड़बड़ी मिलने पर ब्रिटेन ने पूरा माल वापस कर दिया था।

टेंडर में शामिल है वापस भेजने और जुर्माने की शर्त:

रैपिड जांच किट्स के टेंडर में गुणवत्ता खराब मिलने पर पूरा माल वापस करने और जुर्माना लगाने की शर्त पहले से शामिल है। भारत में 16 अप्रैल को 5.5 लाख और 21 अप्रैल को 3 लाख रैपिड जांच किट चीन से आई हैं। इनमें से वह किट शामिल हैं, जिनका आदेश राजस्थान, तमिलनाडु, गुजरात और छत्तीसगढ़ सरकारों ने अपने स्तर पर चीनी कंपनियों को दिया था।

मदद के लिए भेजी टीम:

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि, राज्यों में गई केंद्रीय टीमें उनकी सहायता केलिए हैं। ये राज्य सरकार की करवाई की निगरानी करने नहीं गईं। लॉकडाउन का पालन कई राज्यों में सही तरीके से नहीं हो रहा। उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन लागू करने में अच्छा काम किया है। 

इन राज्यों को भेजी थी किट:

दिल्ली में 42000, पंजाब में 11000, हिमांचल प्रदेश 4000, असम में 9000, राजस्थान में 30000, महाराष्ट्र में 75000, कर्नाटक में 11000, बंगाल में 10000, तमिलनाडु में 12000 और गुजरात में 24000 हजार सहित कई राज्यों में रैपिड किट भेजी गयी थीं। शिकायत के बाद इस किट से जांच रोक दी गई।

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बंगाल, राजस्थान, पंजाब समेत कई राज्यों ने की थी शिकायत:

आईसीएमआर के विशेषज्ञ ने बताया कि प. बंगाल, राजस्थान, पंजाब व महाराष्ट्र से शिकायत मिलने पर फील्ड जांच की गई। सबसे पहले दिल्ली में परिक्षण हुआ था, तो 70 फीसदी तक परिणाम सही मिले थे, लेकिन अभी परिणामों में भरी अंतर है। दुसरे देशों में भी ऐसा हो चुका है।

 

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